होली पर एक बाल कविता ... "चंपक वन में होली है"
चंपकवन में होली है
खेल रहे हमजोली है
चूहा डाले बिल्ली पे रंग
लोंमड खेले शेरू के संग
बंदर ने मारी किलकारी
चीकू ले आया पिचकारी
भालू बजा रहा है चंग
हाथी नाचे मस्त मलंग
गीदड़ बना अब ढोली है
चंपक वन में होली है ..
- वीरेश अरोड़ा "वीर"
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