Tuesday 20 May 2014
प्यास पर कुछ हाइकु
प्यास पर कुछ हाइकु
प्यास जो टूटी
कुछ कर जाने की
जीना बेकार
प्यास थी जब
जिन्दा था, हुआ तृप्त
मृत घोषित !
प्यास से आस
देश के विकास की
कभी ना टूटे !
मैं भी नहा लूँ
मैलापन मिटा लूं
गंगा की प्यास !
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