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वीरेश अरोड़ा "वीर"
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तिरंगा है हमारी शान-
Tuesday 20 May 2014
क्षणिकाएँ
आरज़ू
गर मिल सके तू मुझको,
बस एक बार मिल जा,
मैं तुझे गले लगाकर,
सारे गिले मिटा लूँ I
::::::::
गर ये तय है मिलोगे मुझे मरके,
तो क्यूँ न मर जाऊँ
मैं
तेरा क़त्ल कर के ///
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