Tuesday 20 May 2014

क्षणिकाएँ




आरज़ू




गर मिल सके तू मुझको,

बस एक बार मिल जा,

मैं तुझे गले लगाकर,

सारे गिले मिटा लूँ I




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गर ये तय है मिलोगे मुझे मरके,

तो क्यूँ न मर जाऊँ मैं तेरा क़त्ल कर के ///









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