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वीरेश अरोड़ा "वीर"
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तिरंगा है हमारी शान-
Tuesday 20 May 2014
सर्दी - बाल कविता
सर्दी - बाल कविता
सर्दी हमको खूब है भाती
जिसे दिवाली लेकर आती
गरमा - गर्म खाने को हो मन
रहें धूप में बैठे हरदम
मच्छर हो जाते है गुम
सबसे प्यारा सर्दी का मौसम
सर्दी प्यारी कभी न जाए
प्रकृति भी इसका खेद जताए
पतझड़ लाकर खेद जताती
होली इसको लेकर जाती
- वीरेश अरोड़ा "वीर"
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