आज - कल
पहले की सोच :
गर कुछ कहना होगा मुझको
मैं बस सच ही कह पाऊंगा
गर मुझको कुछ सुनना होगा
मैं सच को ही सह पाऊंगा
गर मैं सच ना कह पाया तो
मैं बस चुप ही रह जाऊंगा
झूठ समय की माँग अगर है
माँग ना पूरी कर पाऊंगा
आज की सोच :
गर सच कहना होगा मुझको
मैं सच सच ना कह पाऊंगा
गर सच सुनना होगा मुझको
मैं सच को ना सह पाऊंगा
जो चाहो मैं कुछ ना बोलूं
तो चुप भी ना रह पाऊंगा
झूठ समय की माँग अगर है
झूठ दनादन कह जाऊंगा
-वीरेश अरोड़ा "वीर"