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वीरेश अरोड़ा "वीर"
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तिरंगा है हमारी शान-
Tuesday 20 May 2014
एक प्रश्न
एक प्रश्न
आज उनका आना
और मुँह फेरकर चले जाना,
याद दिलाता है
वो दिन,
जो गुजरते न थे
मिले बिन,
दिवानों की तरह
जो मिलते थे कभी,
क्यों गुजर गए
वो बनकर अजनबी ?
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